लंदन वाले वायरस से कितना खतरा ?
कोरोना वायरस का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है | अब इसका नया वैरिएंट सामने आया है जो की पुराने वायरस से ज्यादा खतरनाक है | यह हमारे शरीर में और तेज़ी से फ़ैल रहा है | ुरोपे के लंदन और दक्षिण पूर्वी इंलैण्ड में देखा जाये तो इसका कहर सबसे ज्यादा है | वायरस का स्वरुप बदलना कोई नयी बात नहीं है | कोरोना एक या दो महीने में अपना रूप बदलता रहा है | इसके नए स्ट्रेन 20 से ज्यादा बार अपना स्वरुप बदलते हैं |
कोरोना वायरस का नया नाम :
पहला नाम – VUI202012/01
दूसरा नाम – B.1.1.7
आखिर कैसे रूप बदलता है वायरस ???
पहले वायरस एक अपनी कॉपी बनाता है जिससे और भी कॉपी बनती रहती है | इस तरह से वायरस के नए वैरियंट का जन्म होता रहता है और हर दूसरा वैरियंट जो सामने आता है वो पहले से ज्यादा’खतरनाक होता है |
डॉ सौम्या स्वामीनाथन ( WHO वैज्ञानिक ) ने हाल ही में कहा है कि : “SARS-Cov-2 वायरस दूसरे इन्फ्लुएंजा वायरस के मुकाबले धीमी गति से बढ़ रहा है | अब तक हमने कई म्युटेशन देखे हैं, लेकिन इसका कोई ख़ास असर नहीं देखा है | वायरस का उपयोग किसी चिकित्सक, ड्रग्स या वैक्सीन को बनाने के लिए किया जाता है | ये उम्मीद है की ऐसा ही होता रहेगा, लेकिन हमें ये देखना होगा की वायरस में क्या हो रहा है |”